Afleveringen
-
त्रिदिवसीय ज्ञानमार्ग कार्यक्रम : ब्रह्मज्ञान
यह पाठ्यक्रम ज्ञान पथ का संक्षिप्त परिचय है। यह तीन मुख्य शिक्षाएँ प्रदान करता है - आत्मज्ञान, माया का ज्ञान और ब्रह्मज्ञान (अद्वैत)।
यह ज्ञान गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार मौखिक रूप से गुरु द्वारा शिष्य को सीधा दिया जाता है।
यह विधि एक व्याख्यान नहीं है, बल्कि एक वार्तालाप है। सम्पूर्ण ज्ञान संक्षेप में दिया जाता है।
इस भाग में ब्रह्मज्ञान पर चर्चा है।
टेलीग्राम पर सत्संग में @bodhivarta ग्रुप से जुड़ें। -
यह पाठ्यक्रम ज्ञान पथ का संक्षिप्त परिचय है। यह तीन मुख्य शिक्षाएँ प्रदान करता है - आत्मज्ञान, माया का ज्ञान और ब्रह्मज्ञान (अद्वैत)।
यह ज्ञान गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार मौखिक रूप से गुरु द्वारा शिष्य को सीधा दिया जाता है।
यह विधि एक व्याख्यान नहीं है, बल्कि एक वार्तालाप है। सम्पूर्ण ज्ञान संक्षेप में दिया जाता है।
इस भाग में मायाज्ञान पर चर्चा है।
टेलीग्राम पर सत्संग में @bodhivarta ग्रुप से जुड़ें। -
Zijn er afleveringen die ontbreken?
-
त्रिदिवसीय ज्ञानमार्ग कार्यक्रम : आत्मज्ञान
यह पाठ्यक्रम ज्ञान पथ का संक्षिप्त परिचय है। यह तीन मुख्य शिक्षाएँ प्रदान करता है - आत्मज्ञान, माया का ज्ञान और ब्रह्मज्ञान (अद्वैत)।
यह ज्ञान गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार मौखिक रूप से गुरु द्वारा शिष्य को सीधा दिया जाता है।
यह विधि एक व्याख्यान नहीं है, बल्कि एक वार्तालाप है। सम्पूर्ण ज्ञान संक्षेप में दिया जाता है।
इस भाग में आत्मज्ञान पर चर्चा है।
टेलीग्राम पर सत्संग में @bodhivarta ग्रुप से जुड़ें। -
प्रक्रिया क्या है ? इनके कितने प्रकार हैं ? मौलिक प्रक्रिया क्या है ? कैसे हमारे अनुभव का गठन इन प्रक्रियाओं से हुआ है ? योगी का क्या लक्ष्य है ? चित्त का विकासक्रम कैसे चलता है ? नाद से सृष्टि कैसे हो रही है ? विनाश क्यों है ? अनित्यता क्यों है ? सब माया कैसे है ? जगत के बारे में कैसा अज्ञान है ? योग दृष्टि या ज्ञानी की दृष्टि कैसी होती है ? मनुष्य जीवन का अंतिम लक्ष्य क्या है ?
-
जगत नियमित क्यों है ? इन्द्रियां क्या कार्य करती हैं ? अस्तित्व अनंत होते हुए भी हमारा अनुभव सिमित क्यों है ? विज्ञान की क्या सीमा है ? भौतिक नियम गणित द्वारा क्यों जाने जा सकते हैं ? जगत में और गहरे उतरते हैं , इस दुसरे भाग में।
-
जगत क्या है ? वस्तुओं की रचना कैसे होती है ? नाद और नादरचना क्या हैं ? क्या पदार्थ सत्य है ? जगत माया कैसे है ?
-
अनुभव का अज्ञान क्या फल देता है ? इसके बारे में जनमानस में क्या मान्यताएं हैं ? अनुभव से मुक्ति कैसे हो ? यहाँ ज्ञान का अंत होता है और माया प्रारम्भ होती है।
-
अनुभव का स्तोत्र क्या है ? क्या अनुभव मिथ्या हैं ? वस्तुओं में स्थायित्व कैसे दिखता है ? नश्वरता क्यों है ? चित्त और स्मृति में क्या संबंध है ? इस चर्चा के इस दूसरे भाग में हम ये जानेंगे।
-
अनुभवों के कितने प्रकार हैं ? एक होकर भी अनेक क्यों हैं ? इसका अनेकों रूपों में विभाजन कैसे होता है ? इन्द्रीओं का अनुभव से क्या सम्बन्ध है ?
-
इसके कितने रूप हैं? यदि मैं आत्मन हूँ और केवल एक आत्मन है, तो दुसरे जन क्या हैं? मेरा दूसरों से क्या सम्बन्ध है? मानवीय संबंधों का क्या अर्थ है?
ऐसे कई उन्नत प्रश्नों का उत्तर हम खोजेंगे -
अनुभवकर्ता का काल से क्या सम्बन्ध है? इसका देश या स्थान क्या है?
-
अनुभवकर्ता का प्रमाण,अनुभवकर्ता का वर्णन, अनुभवकर्ता के गुण, मैं और अनुभवकर्ता,अनुभवकर्ता का ज्ञान
-
अस्तित्व, अनुभव, अनुभवक्रिया और अनुभवकर्ता, एकता या अद्वैत, चित्त की विभाजिय वृत्ति, आत्मविचार
-
ज्ञानमार्गी में क्या गुण होने चाहिए ? गुरु के लक्षण क्या हैं ? गुरु की पहचान कैसे हो ? ज्ञानमार्ग की साधना - श्रवण, मनन, नीदिद्यासन। ज्ञान से जीवन कैसे बदलता है ?
-
प्रश्न ज्ञानमार्ग में अति आवश्यक हैं। ज्ञानमार्गी के शास्त्रानुसार क्या लक्षण होते हैं ?
-
अद्वैत के मानदंड, वर्गीकरण का उद्देश्य, सत्य के सन्दर्भ, आपका अनुभव ही आपका सत्य है
-
सत्य का परिचय। सत्य की परिभाषा क्या है? सत्य का आधार क्या है? मानदंडों के उदाहरण।सत्य के उचित मानदंड क्या होने चाहिए?
-
अज्ञान क्या है? अज्ञान का स्त्रोत क्या हैं। पंचवृत्ति। प्रमाण क्या होने चाहिए ? ज्ञान के साधन कौन से हैं ? ज्ञान का तत्त्व क्या मिलता है ?
-
ज्ञानमार्ग की श्रृंखला का शुभारम्भ करते हैं ज्ञान की परिभाषा से। अनुभव से परिचय। ज्ञान कहाँ है? ज्ञान सृजन एक वृत्ति। ज्ञान का हमारे जीवन में महत्व।