सीज़न 2- बेचांद रात का सन्नाटा जब आँखों के रस्ते से दिल में उतरता है तो भय जन्म लेता है। घड़ी की टिक-टिक, पानी की टप-टप और मद्धम दिल की धक-धक एक ख़ौफ़नाक मुखौटा ओढ़े हमारे मन को भयभीत करती हैं। शेड्स ऑफ़ जयंती के नये सीज़न में ऐसी ही दहशत के रंगों से गढ़ी कहानियाँ ले कर आ रही हैं हिंदुस्तान की एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर जयंती रंगनाथन।
सीज़न 1- इश्क-मोहब्बत का मौसम सदाबहार होता है। इसी खुशबू से लबरेज, गुदगुदाने-मन बहलाने वाली रस से भरी कहानियां ले कर आ रही हैं हिंदुस्तान की एक्जीक्यूटिव एडिटर जयंती रंगनाथन।
आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है लाइव हिंदुस्तान प्रोडक्शन |