Maatschappij & cultuur – India – Nieuwe podcasts

  • Karen Silkwood’s death 50 years ago this November continues to haunt Oklahoma and the nation. The 28-year-old plutonium plant worker died in a fatal crash while driving to meet a reporter with The New York Times allegedly to deliver evidence documenting unsafe conditions at the plant. Two reporters who covered the Silkwood story in 1974 have spent years trying to piece together what many in Oklahoma speculate: Karen Silkwood may have died for what she knew. Fifty years later, hear newly-discovered investigative tapes, deathbed conversations and long-awaited interviews reexamining what happened that night.

  • Welcome to Love Lingo!

    Join us, Arsala & Jas, as we dive into the world of love, art, and human connection. Love Lingo the podcast is an extension of our ethos as artists and maintaining the coherence of what we stand for as human beings.

    Our podcast is an unapologetic celebration of diverse voices and stories while exploring the power of love and compassion. We're here to have raw and honest conversations about culture, society, and the issues shaping our world.

    In simple words we want to self-actualize through conversation. We certainly want to bring OUR voice to the forefront while being bare and keeping the ends loose.

    Every Friday, we rip off the band-aid and fearlessly dissect culture, society, and the issues shaping our world.

    Whether you're on YouTube, Spotify, Apple Podcasts, or any audio platform of your choice, we're here to spark meaningful conversations and shed light on what it truly means to be human.

    Join us, as we dive deep into the labyrinth of human experience and explore the transformative power of love and empathy.

    Hum Hain Rahi Pyar Ke!

  • FATHA TORCH is the podcast to help you cope with the anxiety and stress of fatherhood so that you can be the dad you always wish you had. Each episode is an open discussion about fatherhood and the struggles we face as Black men in America. Topics include self-love, raising sons vs daughters, the child support system, emotional trauma from toxic relationships, societal injustices and reentry after incarceration. Hosted by Rah, a father of nine children, artist and founder of Abimilechh Foundation in Rochester, NY.

  • India's rich cultural diversity is reflected in its folk tales and fables. Stories that carry magic, mythology, and magnificence, that have been passed on from generation to generation.

    What The Folk by ThisDay, hosted by Deepa Ranganath, brings these folktales closer to you.

  • Jemima and Atete will bring you stories, laughs and advice on a regular basis so be sure to tune in each time!
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    #wemeannodisrespect
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  • Welcome to Candid Confessions, where we pull back the curtain on industries, professions, and practices you thought you knew. Your host Chhavi Mittal, dives into the stories, the struggles, and the successes that usually go unspoken. We’re not just talking about surface-level topics. We're here to bring you raw, real, and honest conversations with people who’ve achieved greatness in their fields and are ready to share the technical know-how and insights you won’t find anywhere else.

    Thank you for listening!

  • This is a podcast specially made in Hindi for Hindi listeners though I see no listeners in hindi. But it is for those who are hungry for humor and drama.

  • हिंदुस्तान में गांधी के आलोचक मिल जाएंगे पर विदेशों में नहीं : प्रो.संजय द्विवेदी


    गांधीजी की पत्रकारिता के आदर्श मूल्य भारतीय समाज के लिए सार्थक



    *गांधी जयंती पर विशेष*



    आज के दौर में जब ईमानदार पत्रकारिता की जमीन सिमटती जा रही है तो यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि पत्रकारिता के मूल मूल्य कहां ठहरते हैं? और यह भी कि उन मूल्यों के साथ पत्रकारिता की क्या कोई संभावना बच रही है? ‘गांधी की पत्रकारिता’ ऐसे ही सवालों का जवाब हैं। दक्षिण अफ्रीका के अपने अख़बारी दिनों को याद करते हुए महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है - ‘समाचार-पत्र सेवाभाव से ही चलाने चाहिए। समाचार-पत्र एक जबर्दस्त शक्ति है; लेकिन जिस प्रकार निरंकुश पानी का प्रवाह गांव के गांव डुबो देता है और फसल को नष्ट कर देता है, उसी प्रकार निरंकुश कलम का प्रवाह भी भयंकर विनाश कर सकता है। गांधी जयंती के अवसर पर हमारे समाचार पत्र दिल्ली और दिल्ली द्वारा गांधी संवाद श्रंखला का आयोजन किया गया है। इस संवाद श्रंखला की कड़ी में *दिल्ली और दिल्ली के उप संपादक महेंद्र कुमार* ने "महात्मा गांधी की पत्रकारिता और वर्तमान पत्रकारिता का स्वरूप" विषय पर देश के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार व शिक्षाविद *प्रो. संजय द्विवेदी* महानिदेशक भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली से विशेष चर्चा की है। हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। गांधी जयंती के अवसर पर उनके साथ की गई चर्चा के प्रमुख अंश :-


    *महात्मा गांधी को एक पत्रकार के रूप में आप कैसे देखते हैं?*

    मुझे लगता है, महात्मा गांधी अपने समय के बहुत बड़े बड़े संचारक थे। उन्होंने 1904 में 'इण्डियन ओपिनियन' साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया। 1919 में जब रॉलेट बिल पास हुआ जिसमें आम भारतीयों के आम अधिकार छीने गये जिसके विरोध में उन्होंने पहला अखिल भारतीय सत्याग्रह छेड़ा जो राष्ट्रव्यापी हड़ताल था। उसके बाद गांधी अंग़्रेजी साप्ताहिक पत्र 'यंग इण्डिया' व गुजराती साप्ताहिक 'नवजीवन' के संपादक के तौर पर नियुक्त हुए। 1933 में गांधी जी ने साप्ताहिक पत्र 'हरिजन' की स्थापना की, उसके बाद उन्होंने अपने साबरमती तट पर बने सत्याग्रह आश्रम का नाम हरिजन आश्रम रखा। इन अखबारों के माध्यम से गांधी जी ने भारतीय पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप किया। भारतीय पत्रकारिता में गांधी की पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण विरासत है। आज एक आदर्श और महान पत्रकार के रूप में गांधी को सभी याद करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी की पत्रकारिता ने लोगों को अंग्रेजों के विरुद्ध खड़े होने के लिए प्रेरित किया।

    *स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी की पत्रकारिता का योगदान?*


    गांधी ने अपने समाचार पत्रों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के साथ ग्रामीण व शहरी दोनों तबके के लोगों को एक बड़े जन सैलाब के तौर पर जुड़ा था। महात्मा गांधी ने अन्य विचारकों को भी समाचार पत्र निकालने के लिए प्रेरित किया। इसका बड़ा उदाहरण है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू है उन्होंने गांधीजी के निर्देश पर 3 अखबार नेशनल हेराल्ड, नवजीवन कौमी आवाज की शुरुआत की थी। रामगोपाल माहेश्वरी ने नागपुर से नवभारत अखबार निकाला इसकी प्रेरणा भी उनको गांधीजी से ही मिली थी। गांधीजी की पत्रकारिता के दो मुख्य लक्ष्य रहे, एक सामाजिक बदलाव व दूसरा स्वतंत्रता आंदोलन। इन दोनों उद्देश्य को लेकर उनकी पत्रकारिता हमेशा समर्पित रही। गांधी जी ने बहुत बड़े लक्ष्य को लेकर पत्रकारिता की शुरुआत की थी। अगर आज हम उनकी पत्रकारिता के लक्ष्य और आदर्शों को माने तो समाज में घटित हो रही अप्रिय घटनाओं में कमी आ जाएगी।
    गांधीजी के मूल्यों को अगर हम पत्रकारिता में डालेंगे तो पत्रकारिता अधिक सार्थक व आदर्श हो जाएगी।

    *गांधी के पत्रकारिता दौर की तकनीक और वर्तमान दौर की तकनीक पर आपके क्या विचार है?*

    गांधीजी की पत्रकारिता का समय रेडियो व अखबारों का था। उस समय जितने भी हमारे राष्ट्र नायक रहे उन्होंने अधिकांश अखबार या फिर रेलवे स्टेशनों की शुरुआत की थी। आज का वक्त उस समय के मुकाबले थोड़ा अलग है। आज के समय में सोशल मीडिया कुछ ज्यादा ही प्रभावी हो गया है। महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद नाम से एक रेडियो स्टेशन की शुरुआत की थी। उस दौरान अन्य राष्ट्र नायकों ने समाचार पत्रों की शुरुआत की। अगर आज महात्मा गांधी होते तो वह भी वर्तमान पद्धतियों को ही अपनाते शायद वह अपना ट्विटर अकाउंट भी शुरु कर देते। इसके अलावा भी वह अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक्टिव हो जाते। हर समय का एक मीडिया होता है। समय के साथ-साथ संचार के माध्यमों में बदलाव आता रहता है।


    *महात्मा गांधी को एक पत्रकार के रूप मे


  • Subha ho gayi Mamu is a podcast about informal monologue on common day to day life stuffs. How you start your day ? Routines , motivation , advice and other and also connecting to people to know their stuffs , what do they do , whats going on in their life and blah blah...!! Hope you enjoy this conversation and if possible will connect to you to know about your life and living. Till then keep listening and stay tuned.. bbyeee

  • This podcast is a cheerful, calm podcast, where I talk about things I feel we all connect with. Some food for thought, some merry time, some episodes on wildlife and some music to top it all :)
    Welcome on board y'all 🌼⛵

  • این مجموعه سرکی می‌کشد به دل‌مشغولی‌ها و خاطره‌های دختر جوانی در غربت که قلبش در وطن جا مانده است. از آرزوهای نسلی می‌گوید که به امید بهترکردن وضع خود و برداشتن قدمی برای دیگر هموطنانش، دل به دریا می‌زند و خود را به دستِ باد مهاجرت می‌سپرد. مهاجرت فرصتی مهیا می‌کند برای فهمیدن دیگران، همکلاسی افغانی‌اش در ایران، و میدانی می‌شود برای جستجوی معنا و تلاش برای رسیدن به آن.

  • हमारे आसपास हर वक्त किस्से बनते रहते हैं। हर किस्सा अपनी तरह का होता है। हर किस्से में अलग बात होती है। कुछ किस्से हमारे खुद के होते हैं, तो कुछ किस्से हमारे आस पास रहने वालों के। कुछ किस्से होते हैं, तो कुछ किस्सों जैसे होते हैं। इन्हीं किस्सों को सहेजने की कोशिश मैंने की है। तो चलिए, सफर शुरू करते हैं किस्सों के रास्तों पे। बस शर्त ये है कि बीच बीच में हूँ-हाँ करते रहना है, नहीं तो मैं समझूंगा कि आप सो गए।

  • The show is about literature (Poetry, Prose and motivational Speech) along with social topics

  • Hola soy Aránzazu Figueroa, periodista y locutora. Hago radio y soy aficionada a la lectura y escritura. Escribo relatos y poesía que comparto por mis redes sociales, además de la grabación de algunos de los programas en vivo. Puedes seguirme también por Instagram como ara.figovar o por Facebook Aránzazu Figueroa.

  • A podcast between a group of college girls who can’t find anything in common among all three of them; there always seems to be an odd one out. Welcome to The Oddcast.

    New episodes every Monday!

  • This podcast will revolve around the Non-Serious stuff. You will be coming across discussions on some of the areas that I am passionate about like- books, yoga, music and coffee. That's a variety of topics to cover on the same podcast, isn't it? That's what makes it interesting.

  • “Be a better person than you were yesterday”. I live by this quote and it’s the motivation for this podcast. Join me, Bobbie Goldie, as I self-reflect and go through the chapters of my life. If you're sitting there trying to get out of bed, you’re not alone. I have had many of these days, but I have persevered. Cancer, depression, addiction, adoption, poverty and abuse are just a few obstacles I have battled through.

    Maybe it’s you or you have a friend or a family member that’s going through a difficult time. Let’s work to remove the stigma of these topics, because we are not broken . . . we are just human.

    We only have on average 30,000 days on this earth, so let’s make the best of our remaining days together.

  • Welcome to my channel 'Violet Vapour'
    This is a Malayalam podcast hosted by Anju Das
    I hope you enjoyed my talk. It's about my experiences,memories,reviews,stories n travel.
    You can drop in a review or get in touch with me @ [email protected]
    I love to hear from you.
    You can download or stream the podcast from Spotify, Apple Podcast, Google podcast, YouTube music and many other platforms.
    Anju Das

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